Love Shayari

मै मुसाफ़िर सा तु राहो सा मेरी

मै मुसाफ़िर सा, तु राहो सा मेरी..
मै हूँ लहरों सा, तु किनारों सा मेरी..

मिल गई नज़रे, नज़रो कि क्या खता..
कैसे समझाऊ, दिल तुझको ये बता..

''तेरी अदाएँ, कातिलाना...
कर गयी है, मुझे दिवाना...
जबसे देखी है, सुरत ये तेरी..
हो गया हूँ, खुद से बेगाना..''

*सम्राट कि कलम से*
Samrat Shubham Ahirwar

ए खुदा तेरी मोहोब्बत कि दुनिया का ये कैसा अजब दस्तूर है

ए खुदा तेरी मोहोब्बत कि दुनिया का ये कैसा अजब दस्तूर है,
वो दिल में तो है मगर नज़रो से दूर है,,
*सम्राट कि कलम से*

अब जिस के जी में आए वही पाए रौशनी
हम ने तो दिल जला के सर-ए-आम रख दिया

नजरे ये ढ़ूढ़ॆ बस एक तुझको हर पल तेरा इंतजार है

नजरे ये ढ़ूढ़ॆ बस एक तुझको हर पल तेरा इंतजार है,
हुआ मै पागल तेरा दिवाना होने लगा मुझे पहला प्यार है,,

*सम्राट कि कलम से*

हर साँस में उनकी याद होती है,
मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,
कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,
कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है।

लगता है अपना ग़म मुझसे छुपाने की हिदायत
सिर्फ़-अो-सिर्फ़ उन्होंने अपनी ज़बाँ को ही दी थी,
या के मैं ये कहू्ँ की ख़ुद अपनी ही निगाहों पर
मेरे हुज़ूर का, ज़रा भी इख़्तियार रहता ही नहीं है

- अजय दत्ता