Love Shayari

ए खुदा तेरी मोहोब्बत कि दुनिया का ये कैसा अजब दस्तूर है

ए खुदा तेरी मोहोब्बत कि दुनिया का ये कैसा अजब दस्तूर है,
वो दिल में तो है मगर नज़रो से दूर है,,
*सम्राट कि कलम से*

अब जिस के जी में आए वही पाए रौशनी
हम ने तो दिल जला के सर-ए-आम रख दिया

वो चाहते हैं की मैं उनके लिए
उनकी मेज़ पे पड़ी, अपनी तस्वीर-सी हो जाऊँ,
वो करते रहें मुझ पे सौ सितम
अौर फिर भी मैं बस उन्हें मुस्कुराती नज़र आऊँ

- अजय दत्ता

हर साँस में उनकी याद होती है,
मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,
कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,
कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है।

लगता है अपना ग़म मुझसे छुपाने की हिदायत
सिर्फ़-अो-सिर्फ़ उन्होंने अपनी ज़बाँ को ही दी थी,
या के मैं ये कहू्ँ की ख़ुद अपनी ही निगाहों पर
मेरे हुज़ूर का, ज़रा भी इख़्तियार रहता ही नहीं है

- अजय दत्ता

कम से कम इन चराग़ों से तो पूछ लूँ की
आज इनका दिल, जलने का है भी या नहीं,
क्या इक मैं काफ़ी नहीं जो न चाहते हुए
दिल ही दिल में जाने कब से जले जा रहा हूँ

- अजय दत्ता