Sher Shayari

मशगूल वो भी हैं,
मशगूल हम भी हैं |
मगर अफ़सोस,
वो उन-ही में हैं, हम उन्हीं में हैं ||

#परस्तिश

जिधर देखो इश्क के बीमार बैठे हैं

जिधर देखो इश्क के बीमार बैठे हैं
हज़ारों मर गये लाखों तैयार बैठे हैं,
साले बर्बाद होते हैं लड़कीयों के पीछे
और कहते हैं कि सरकार कि वजह से बेरोजगार बैठे हैं..!!

एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर

एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है,
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर..!!

रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे

रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में।

जिस्म का आख़िरी मेहमान बना बैठा हूँ

जिस्म का आख़िरी मेहमान बना बैठा हूँ,
एक उम्मीद का उन्वान बना बैठा हूँ,
वो कहाँ है ये हवाओं को भी मालूम है,
मगर एक मैं ही हूँ जो अनजान बना बैठा हूँ..!!

वक़्त नूर को बहनूर कर देता है

वक़्त नूर को बहनूर कर देता है,
थोड़े से जखम को नासूर कर देता है,
वरना कोन चाहता है तुम जेसे दोस्तो से दूर रहना
वक़्त ही तो इंसान को मजबूर कर देता..!!