Life Shayari

जिस पल अपने अंदर के उस
मासूम तिफ़्ल को भुला के, बड़े हो जाओगे,
बाग़-सी ज़िन्दगी को उस पल
बयाबान-सा देखने का नज़रिया पा जाओगे

- अजय दत्ता

तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते।
जिंदगी में कभी उदास नहीं होते।
हाथों किं लक़ीरों पे यक़ीन मत करना।
तकदीर तो उनकी भी होती हैं ,
जिन के हाथ ही नहीं होते।

जिसे निभा न सकूँ ऐसा वादा नही करता

जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नही करता
मैं बातें अपनी औकात से, ज्यादा नहीं करता..!
भले ही तमन्ना रखता हूं, आसमान छू लेने की
लेकिन, औरों को गिराने का, इरादा नहीं करता।

हर शाम कह जाती है एक कहानी

हर शाम कह जाती है एक कहानी,
हर सुबह ले आती है एक नई कहानी,
रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन,
मंजिल रह जाती है वही पुरानी..

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं,
कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को,
याद वही आते हैं जो उड़ जाते हैं..!!

शुक्रिया ज़िन्दगीजीने का हुनर सिखा दिया

शुक्रिया ज़िन्दगी...जीने का हुनर सिखा दिया,
कैसे बदलते हैं लोग चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।