शाम तो रोज आएगी रात में ढ़ल जाएगी

शाम तो रोज आएगी रात में ढ़ल जाएगी...

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शाम तो रोज आएगी रात में ढ़ल जाएगी,
आज उदासी है तो कल खुशी में ढ़ल जाएगी

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जिँदगी ऐसी ना जियो..
कि लोग 'फरियाद' करे..

बल्की ऐसी जियो..
कि लोग तुम्हे 'फिर-याद' करे!

पूछ लो बेशक परिन्दों की हसीं चेहकार से
तुम शफ़क़ की झील हो और शाम का मंज़र हूँ मैं..!!

ना जाने कब वो हसीन रात होगी

ना जाने कब वो हसीन रात होगी,
जब उनकी निगाहें हमारी निगाहों के साथ होगी,
बैठे है हम उस रात के इंतज़ार मे,
जब उनके होंठो की सुर्खियाँ हमारे होंठो के साथ होगी.

बहके बहके ही अंदाज-ए-बयां होते हैं,
आप जब होते हैं तो होश कहाँ होते हैं।

पानी से प्यास ना बुझी

पानी से प्यास ना बुझी
तो मैखाने की तरफ चल निकला
सोचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से
पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला…

छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर

छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर!