वो मोहब्बत भी तेरी थी वो नफ़रत भी तेरी थी

वो मोहब्बत भी तेरी थी वो नफ़रत भी तेरी थी...

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वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी,
वो अपनाने और ठुकरानी की अदा भी तेरी थी,
मे अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता?…
वो शहेर भी तेरा था, वो अदालत भी तेरी थी..!!

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मुझे रिश्तो की लम्बी कतारों से क्या मतलब...
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है ।

भरोसा जितना कीमती होता है...!
धोखा उतना ही महंगा हो जाता है..!!

फूल कितना भी सुन्दर हो,
तारीफ खुशबु से होती है..!!

इंसान कितना भी बड़ा हो,
कद्र उसके गुणो से होती है...!!

वो मोहब्बत भी तेरी थी वो नफ़रत भी तेरी थी

वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी,
वो अपनाने और ठुकरानी की अदा भी तेरी थी,
मे अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता?…
वो शहेर भी तेरा था, वो अदालत भी तेरी थी..!!

जरा सी जगह छोड देना अपनी नीदो मै,
क्योकि आज रात तेरे ख्बाबो मै हमारा बसेरा होगा..

मेरी ज़िन्दगी से खेलने वाले सुन

मेरी ज़िन्दगी से खेलने वाले सुन
तेरा भी एक दिन यही हाल होगा
क्या मिलेगी नहीं कभी मुझे मोहोब्बत
तेरे होंठों पर भी एक दिन यही सवाल होगा..!!

ज़िंदादिली होती है जिन्दगी

ज़िंदादिली होती है जिन्दगी,
इश्क मे घुली होती है जिन्दगी,
तुमसे मिलने कि चाहत रखती है जिन्दगी,
लेकिन तक़दीर नही मिलने देती है जिन्दगी.