वक़्त बेवक़्त को नूर कर देता है

वक़्त बेवक़्त को नूर कर देता है...

वक़्त बेवक़्त को नूर कर देता है.
छोटे से ज़ख़्म को नासूर कर देता है.
कोन चाहता है अपनो से जुदा होना,
लेकिन वक़्त सबको मजबूर कर देता है.

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दिल चाहता है ज़माने से छुपा लूँ तुझको

दिल चाहता है ज़माने से छुपा लूँ तुझको,
दिल की धड़कन की तरह दिल में बसा लूँ तुझ को,
कोई एहसास जुदाई का न रह पाये,
इस तरह खुद में मेरी जान छुपा लूँ तुझको,

ख्वाब हमारे टूटे तो हालत कुछ ऐसी थी

ख्वाब हमारे टूटे तो हालत कुछ ऐसी थी,
आँखे पल पल रोती थीं, किस्मत हँसती रहती थी..

इश्क है वही जो हो एक तरफा

इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार-ए-इश्क तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।

वो है अपने देखें हो मैने जैसे झूठे सपने

वो है अपने देखें हो मैने जैसे झूठे सपने,
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अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब

अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे..!!

बरबाद कर देती है मोहब्बत

बरबाद कर देती है मोहब्बत,
हर मोहब्बत करने वाले को,
क्योंकि इश्क़ हार नही मानता,
और दिल बात नही मानता..!!