बिना बताए उसने ना जाने क्यों ये दूरी करदी

बिना बताए उसने ना जाने क्यों ये दूरी करदी...

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बिना बताए उसने ना जाने क्यों ये दूरी करदी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी करदी,
मेरे मुक़द्दर में ग़म आए तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाइश तो पूरी कर दी…

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चलो आज शायरी की हवा बहाते हैं

चलो आज शायरी की हवा बहाते हैं,
तुम उठा लाओ मीर ग़ालिब की नज़्में,
और हम अपनी दास्ताँ सुनाते हैं..!!

एक सवाल पूछता हूँ में जिंदगी से,
मैने सच मे मोहब्बत की थी या टूटा हुआ सपना था मेरा

यारो शायरी क्या होती है

यारो शायरी क्या होती है,
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एक बार कर के ऐतबार लिख दो

एक बार कर के ऐतबार लिख दो,
कितना है मुझ से प्यार लिख दो,
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जुदाई सहने की आदत नही है

जुदाई सहने की आदत नही है,
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बिन तेरे जीने की हमारी कोई ख्वाहिश नही है…