ना साथी है कोई ना हमसफर है कोई

ना साथी है कोई ना हमसफर है कोई...

|

ना साथी है कोई ना हमसफर है कोई,
ना हम किसी के ना हमारा है कोई,
पर आपको देख कर कह सकते है,
की दोस्त तो हमारा भी है कोई..!!

More from Kavita Bawa

तू ही बता दिल कि तुझे समझाऊं कैसे

तू ही बता दिल कि तुझे समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा,
मगर उसको ये एहसास दिलाऊं कैसे।

मिलना है तुम से खोने से पहले

मिलना है तुम से खोने से पहले,
कहना है तुम से रूठने से पहले,
रूठना है तुम से जाने से पहले,
और जीना है तुम्हारे साथ मरने से पहले.

इस मोहब्बत की किताब के

इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।

हर शाम कह जाती है एक कहानी

हर शाम कह जाती है एक कहानी,
हर सुबह ले आती है एक नई कहानी,
रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन,
मंजिल रह जाती है वही पुरानी..

ख्वाइश तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये

ख्वाइश तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये,
शमा खामोश हो जाये और शाम ढल जाये,
प्यार तू इतना करे कि इतिहास बन जाये,
और तेरी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये..

ओ सनम अब यूँ रूठकर न जाओ दूर हमसे

ओ सनम अब यूँ रूठकर न जाओ दूर हमसे,
कि अब आदत सी हो गई है तुम्हारी,
तुम जो न दिखो तो अब,
न सुबह होती न शाम होती हमारी…