ना आता है इजहार करना

ना आता है इजहार करना...

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ना आता है इजहार करना..!
दिल ये नादान बरा है कर बैठा है प्यार।
अब ये परेशान बरा है।
कबूल करले वो दिल-ऐ-मोहब्बत हमारी।
हर ख्वाहिशों मे बस यही एक अरमान रहा है।
ना आता है इजहार करना..!

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जिसने तुम्हें जन्म दिया

जिसने तुम्हें जन्म दिया
तुम्हारे अनजान चेहरे को पहचान दिया
तुम्हारे ओठो पे मुस्कान दिया
उसे छोड़
तुम पत्थर में खुदा ढूंढते हो?

सोच बदल कर देखिए

सोच बदल कर देखिए,
जिंदगी बदल जाएगी|
मंदिर में किसे खुश करने जाते है?
जब खुदा घर में ही उदास बैठा है|

मुहब्बत भी क्या खूब की हमने

मुहब्बत भी क्या खूब की हमने ,
की उनसे नफरत भी ना कर सकें|
तोरा भी दिल इस कदर ,
की उनसे शिकायत भी ना कर सके |

काश तुम्हारे इजहार से उन्हें एतराज ना होता,
तुम वफा करते और उन्हें प्यार ना होता |

जब जिंदगी साथ नहीं देती

जब जिंदगी साथ नहीं देती
तो जीद कहा तक साथ निभायगी
तुम्हें तो हम यादो मे बसाऐंगे
जो हमारे बाद भी अमर हो जाएगी
#विशाल_सिंह

शायद कुछ हुआ

| In Love Shayari
शायद कुछ हुआ

शायद कुछ हुआ
देखा था जब उन्हें
मीठा मीठा दर्द
दिल मे जगा था मेरे
थी एक अजीब सी बेचैनी
कहीं खो ना दू उन्हें
करू भी तो क्या
की पा लू मै उन्हें
हर वक्त बस ख्याल उन्हीं का था
जरा अजीब, पर सवाल जिंदगी का था
आखिर हुआ क्या है मुझे
शायद कुछ हुआ
दिल ने कहा था मेरे
शायद कुछ हुआ