कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं

कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं...

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कभी लफ्ज़ भूल जाऊं, कभी बात भूल जाऊं,
तुझे इस क़द्र चाहूँ के अपनी ज़ात भूल जाऊं,
उठ के तेरे पास से जो में चल दूं,
जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं!

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तेरी यादोँ के नशे मेँ अब चूर हो रहा हूँ,
लिखता हूँ तुम्हेँ और मशहूर हो रहा हूँ..

सुंदरता से बढ़कर चरित्र है,
प्रेम से बढ़कर त्याग है,
दौलत से बढ़कर मानवता है,
परंतु सुंदर रिश्ते से बढ़कर दुनियाँ में कुछ भी नहीं!

हर सपना इंसान का पूरा नही होता

हर सपना इंसान का पूरा नही होता
कोई किसी के बिना अधूरा नही होता
जो चाँद रोशन करता है तमाम रातो को
वो भी तो हर रात को पूरा नही होता

लोग कहते है हर दर्द की

लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है...
शायद उन्होंने मेरा हदों से गुजरना नहीं देखा...

मेरा वादा है ये तुमसे की तुम्हे इतना प्यार दूंगा…

मेरा वादा है ये तुमसे की तुम्हे इतना प्यार दूंगा…
की दुनिया में कही भी मोहब्बत के हवाले से…
जो बात निकलेगी हमारा नाम जरूर आएगा…!!!

ख्वाब ख्याल मोहब्बत हक़ीक़त गम और तन्हाई

ख्वाब ख्याल, मोहब्बत, हक़ीक़त, गम और तन्हाई,
ज़रा सी उम्र मेरी किस-किस के साथ गुज़र गयी !!!