आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते

आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते...

|

आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते,
दिलसे आपको कैसे भुला पाते,
काश की आप सांसो के अलावा आईने मे भी बसे होते,
खुद को देखते तो आप ही नज़र आते.

More from Madhu Singh

रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे

रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में।

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है,
हम ने उदास रहने की आदत बना ली है,
हर दिन हर रात गुजरती है तेरी याद में,
तेरी याद हमने अपनी इबादत बना ली है.

करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी

करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी
का मतलब समझ नही आया हमें,
मालूम होता है अपने ही
शहर में भूला हुआ मुसाफ़िर हूँ।

बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह

बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।

आशिक़ पागल हो जाते है प्यार में

आशिक़ पागल हो जाते है प्यार में,
बाकी कसर पूरी हो जाती है इंतेज़ार में,
मगर ये दिलरुबा नहीं समजती,
गोलगप्पे खाती फिरती है बाजार में..!!

वक्त पे दिल खोल लिया होता यारो के साथ
तो आज खोलना ना पड़ता हॉस्पिटल में औजारो के साथ