Kuch is terha guzarti ab

Kuch is terha guzarti ab...

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Kuch is terha guzarti ab, humaari har shaam hai,
Ek haath tasveer unki to, aik haath jaam hai!
Bekaar hai yaad dilana ,k shaye ye haraam hai,
Sab kuch bhool jaate hain ,jab koi leta unka naam hai!
Hum to yehi kahenge, Mai be-wajah badnaam hai,
Dard-e-dil se humko to , pahunchaati ye araam hai!
Tabaah kerti hai sharaab, ghalat is per ilzaam hai,
Madadgaar ka badnaam hona to, qudrat ka nizaam hai!
Hum ghamkhaaron ka mai ko, Tah-e-dil se salaam hai,
Bina iske to khudaa jaane, kya humara anjaam hai!

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किसी अच्छे इंसान से अगर कभी कोई गलती हो जाये तो सहन कर लेनी चाहिये.....

क्योँकि

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दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है

दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है,
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वक्त की यारी तो हर कोई करता है

वक्त की यारी तो हर कोई करता है
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आपसे यह दूरी हमसे सही नही जाती

आपसे यह दूरी हमसे सही नही जाती,
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प्यार कहते है आशिकी कहते है

प्यार कहते है आशिकी कहते है,
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