
हमारे ज़ख़्मो की वजा भी वो है,
हमारे ज़ख़्मो की दवा भी वो है,
वो नमक ज़ख़्मो पे लगाए भी तो क्या हुआ
मुहब्बत करने की वजह भी तो वो है
तेरी लहराती जुल्फे ना जाने क्या कहती है,
तेरी झुकी नज़रो को देखकर लोग क्या कहते है,
हमने सुनी है आपकी तारीफ़ अपने कानो से,
लोग तो आपको ताज महल कहते है
"में एक शायर तो नहीं,
पर मेरी शायरियों की देन,
सिर्फ तुम हो!!
नन्हे से दिल मे अरमान कोई रखना,
दुनिया की भीड़ मैं पहचान कोई रखना,
अच्छे नही लगते जब रहते हो उदास,
इन होटो पे सदा मुस्कान वही रखना.
आपकी हसी पे छिडकते हैं हम जान,
आपकी खुशी पे तो है सब कुछ कुर्बान
आपके बिन तो ये जहाँ लगे वीरान
क्यूकी आप तो है जैसे इस दिल का गुलिस्ताँ
मेरे से न मिल पाओ तो,
मेरे ख्वाबों से मिल लेना!
हूबहू मेरे जैसे ही हैं!!