
अगर हम आज भी आपके नहीं हैं,
तो फिर ये हिचकियाँ क्यूँ आपकी याद दिलाती है!!
मत पूछो कि मैं अल्फाज कहाँ से लाता हूँ....
ये उसकी यादों का खजाना है बस लुटाये जा रहा हूँ।।
दर्द ऐ दिल की आह, तुम ना समझ सकोगें कभी
हर दर्द का मातम, सरेआम नही हुआ करता!
अगर 27 जनवरी को झंडे सम्भाल के रखने की हैसियत ना हो तो,
26 जनवरी को झंडे खरीद के अपनी #मौसमी_देशभक्ति का प्रदर्शन ना करें !!
जब जिंदगी साथ नहीं देती
तो जीद कहा तक साथ निभायगी
तुम्हें तो हम यादो मे बसाऐंगे
जो हमारे बाद भी अमर हो जाएगी
#विशाल_सिंह
सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर,
आपके हर इक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर,
लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बत,
चाहे कर दो इनकार अंजान होकर...!!