
kabhi dil se to kabhi jazbaat se har pal vo hamrey saath they yaado ka jharokha bankar har vo hamarey paas they.
दिल को दर्द और ज़हन को आराम लिखूंगा,
इश्क़ की वसीयत पर सारे अरमान लिखूंगा,
लुटा कर दौलत-ऐ-ज़िन्दगी तुझ पर मैं,
सब कुछ तेरी मोहब्बत के नाम लिखूंगा…
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे..!!
दिल को दर्द और ज़हन को आराम लिखूंगा,
इश्क़ की वसीयत पर सारे अरमान लिखूंगा,
लुटा कर दौलत-ऐ-ज़िन्दगी तुझ पर मैं,
सब कुछ तेरी मोहब्बत के नाम लिखूंगा…
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है।
वो मुझ तक आने की राह चाहता है,
लेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता है,
खुद आते जाते मौसमों की तरह है,
और मेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता है।