
किनारों पर मोती मिला ऩही करते ,
दर्द मे कभी गीला ऩही करते,
हम अच्छे ना सही बुरे ही सही..
पर हम जैसे बुरे भी किसी को मिला ऩही करते..!!
कैसी है यह हमारी तक़दीर,
हर तरफ दागा ही पाया है.
दिल मे तो है प्यार ही प्यार लेकिन,
हर तरफ बेवफाओ को ही पाया है.
वो जो अपना था हम से है खफा
पता नही किस से हुई थी क्या ख़ाता,
बेवजह किसी का दिल ऩही टूटता,
तुम थे या हम थे बेवफा..!!
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत,
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है...
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना,
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है.!!!
अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गया
बातो के सिलसिले भी कम हो गया
खुशियो से जुआदा हमारे पास गम हो गया
क्या पता ये वक़्त बुरा है या बुरे हम हो गये..!!
Tum Agar Yaad Rakho Gey to Inayat Hogi,
Warna ham ko Kahan Tum se Shikayat Hogi,
Ye to Bewafa logon ki Dunya hai,
Tum agar Bhool bhi Jao to Riwayat Hogi