2 Line Shayari

काग़ज़ पे तो अदालत चलती है...
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।

तुम रोज उजालो मे हमारा पीछा करते हो,
हम अंधेरों में तुम्हारा इंतजार करते है..!!

अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का,
बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का..!!

बहके बहके ही अंदाज-ए-बयां होते हैं,
आप जब होते हैं तो होश कहाँ होते हैं।

आदत सी हो चली है, तेरी बेरुखी की अब तो
तू मोहब्बत से पेश आये तो, अजीब लगता है ...!!!

बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है,
बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल..!!