मेहनत से उठा हूँ मेहनत का दर्द जानता हूँ

मेहनत से उठा हूँ मेहनत का दर्द जानता हूँ...

|

मेहनत से उठा हूँ, मेहनत का दर्द जानता हूँ,
आसमाँ से ज्यादा जमीं की कद्र जानता हूँ ।

छोटे से बडा बनना आसाँ नहीं होता,
जिन्दगी में कितना जरुरी है सब्र जानता हूँ।

मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली,
छालों में छिपी लकीरों का असर जानता हूँ।

बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,
आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ!!

काफी कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना,
क्योंकि एक दिन राख में मिलना है ये जानता हूँ।

More from Ramprasad Trivedi

मेहनत से उठा हूँ, मेहनत का दर्द जानता हूँ,
आसमाँ से ज्यादा जमीं की कद्र जानता हूँ ।

छोटे से बडा बनना आसाँ नहीं होता,
जिन्दगी में कितना जरुरी है सब्र जानता हूँ।

मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली,
छालों में छिपी लकीरों का असर जानता हूँ।

बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,
आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ!!

काफी कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना,
क्योंकि एक दिन राख में मिलना है ये जानता हूँ।

ऐ दिल तू उसका इन्तजार न कर

ऐ दिल तू उसका इन्तजार न कर,
जो याद न करे उससे प्यार न कर,
कुछ तो बात है उसमें तभी गुरूर करती है,
चाँद पाने के लिए दिल बेकरार न कर।

फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल

फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है।

मेरी किसमत के हीरों का तुम इक ताज बन जाओ

मेरी किसमत के हीरों का तुम इक ताज बन जाओ,
कल की बात छोडो तुम मेरा आज बन जाओ,
मै तो रोज करता हू मोहब्बत डूब कर तुम से,
मेरी इक बात मानो तुम मेरे हमराज़ बन जाओ..

कितने अंदाज से किया उसने नज़र अंदाज

कितने अंदाज से किया उसने नज़र अंदाज,
ए खुदा उसके इस अंदाज को नज़र ना लगे||

रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने

रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,
हमें मालूम है क्या चीज़ है मोहब्बत यारो,
घर अपना जला कर किये हैं उजाले हमने।