उड़ गए वो परिंदे ये कहकर

उड़ गए वो परिंदे ये कहकर...

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"उड़ गए वो परिंदे ये कहकर...........

बेगानों के शहर में घोंसले नहीं बनाया करते!!

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अगर हम आज भी आपके नहीं हैं

अगर हम आज भी आपके नहीं हैं,
तो फिर ये हिचकियाँ क्यूँ आपकी याद दिलाती है!!

मत पूछो कि मैं अल्फाज कहाँ से लाता हूँ....
ये उसकी यादों का खजाना है बस लुटाये जा रहा हूँ।।

ये तन्हा रात और प्यासी हिचकियाँ

"ये तन्हा रात और प्यासी हिचकियाँ,

कुछ तो बयाँ करना चाहती है!!

अगर 27 जनवरी को झंडे सम्भाल के रखने की हैसियत ना हो तो,
26 जनवरी को झंडे खरीद के अपनी #मौसमी_देशभक्ति का प्रदर्शन ना करें !!

सुनो

| In Love Shayari

सुनो.......

लोग आज भी पूछते हैं हमसफ़र के बारे में!

"आपका नाम ले लूँ!!"

"उड़ गए वो परिंदे ये कहकर...........

बेगानों के शहर में घोंसले नहीं बनाया करते!!