आँधियाँ गम की चलेंगी तो सँवार जाऊँगा

आँधियाँ गम की चलेंगी तो सँवार जाऊँगा...

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आँधियाँ गम की चलेंगी तो सँवार जाऊँगा,
मैं तो दरिया हूँ समन्दर में उतर जाऊँगा,
मुझको सूली पे चढ़ाने की ज़रूरत क्या है,
मेरे हाथों से कलम छीन लो मर जाऊँगा..

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पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये

पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये,
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये।
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अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये।।

जब भी उनकी गली से गुजरता हूँ

जब भी उनकी गली से गुजरता हूँ,
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इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
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पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता, पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है |

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आज तबियत में जरा आराम सा है!

कुछ पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के,
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया..!!