Sad Shayari

सुबह की किरण अक्स-ए-मोहब्बत है, खामोश रातोंपे तन्हाइयों का नूर है !
तेरी मिज़ाज़-ए-मुस्कराहट, मेरे होटों पे मयस्सर है !
वीरा...!!
जिन्दा होने की क्या यही निशानी है??

पंछियो की गुफ्तगू में नवाज़िशें है, बादलों के साथ बूंदों की सरगम भी है!
तेरी पाकीजा पायलों की छनछन, एक उल्फत सी मेरे रूह में गुनगुनाती है!
वीरा..!!
जिन्दा होने की क्या यही निशानी है??

साथ मेरे खुद की परछाई है, सिगरेट्स के कश का धुँआ भी है!
तवस्सुर तेरी नरगिस आँखों का, ज़ीनत-ए-नशा मुझ पे सवार है!
वीरा...!!
मेरे जिन्दा होने की क्या यही निशानी है??

कसमे-वादे-दोस्ती-रिश्ते, जूनून-ए-शिद्दत आज भी है!
तेरी मोहब्बत की रूहानियत पे, घायल ये फ़क़ीर आज भी है!
मजबूर सा, मसरूफ सा, एक क़तरा सा है!!
वीरा...!!
ज़िंदा है!! ....
पर, मेरे वजूद का कोई निशान नहीं है....!!!!!
*©veeraajlumbinisushant*
अक्स - Reflection
मिज़ाज़ - mood
मयस्सर- available
गुफ्तगू - chitchat
नवाज़िश - kindness
पाकीजा - pure
उल्फत - love
रूह - soul
तसव्वुर - imagination
ज़ीनत - decoration
शिद्दत - intensity
रूहानियत - soulfulness
मसरूफ - busy

Kabhi kisi ke jazbaato ka
Mazak na banana
Na Jane konsa Dard lekar
Koi jee raha Hoga
(#Ahmad_Balrampuri)

इतनी उदासी क्यों जब नसा ए शाम आपके पास है

इतनी उदासी क्यों जब नसा- ए- शाम आपके पास है,
इतनी मुस्कराहट क्यों जब दिल्लगी की बात है,
जो दूर जाता है उसकी भी कोई मजबूरी होगी,
केवल आपकी ही नही उसकी भी मोहब्बत अधूरी होगी..

Samay or halat jine ka tarika sikhati h
dhokha or pyar dard ko sahana sikh deti h

Kabhi kisi ke jazbaato ka
Mazak na banana
Na Jane konsa Dard lekar
Koi jee raha Hoga
(#Ahmad_Balrampuri)

हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मालूम

हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मालूम..
कि सिर्फ तू नहीं था...तेरे साथ मेरी पूरी दुनिया थी..!!