2 Line Shayari

गरीबी थी जो सबको एक आंचल में सुला देती थी,

मुझे रिश्तो की लम्बी कतारों से क्या मतलब...
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है ।

तेरी यादोँ के नशे मेँ अब चूर हो रहा हूँ,
लिखता हूँ तुम्हेँ और मशहूर हो रहा हूँ..

जब नहीं तुझको यक़ीं अपना समझता क्यूँ है..
रिश्ता रखता है तो फिर रोज़ परखता क्यूँ है...???

करीब आओ ज़रा के तुम्हारे बिन जीना है मुश्किल,
दिल को तुमसे नही तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत है..

वो शाम का दायरा मिटने नहीं देते ,
हमसे सुबहे का इंतज़ार होता नहीं है ।